Monday, March 16, 2009

ना साथी है, ना है मंजिल...

This song is dedicated to all those people who have ever been in love but never could manage to express it to the person they should have .....

ना साथी है, ना है मंजिल,
तनहा है मेरा यह दिल,
दिल से निकले यही सदा,
कभी तू मुझसे आके मिल ...

ना साथी है, ना है मंजिल ...

जाने क्या कुछ कहने था,
आया मैं तुम्हारे पास,
कुछ भी कह नहीं पाया,
मेरे होंठ गए थे सिल ...

ना साथी है, ना है मंजिल ...

तेरे जाने के बाद सनम,
तेरी यादें ही रह गयीं,
मेरा मरना हुआ आसान,
और जीना हुआ मुश्किल ...

ना साथी है, ना है मंजिल ...

कुछ नहीं है पास मेरे,
प्यार नहीं तेरा साथ अगर,
क्या रखा है ज़िन्दगी में,
जो तू नहीं इसमें शामिल ...

ना साथी है, ना है मंजिल ...

No comments: